भाव स्पष्ट कीजिए

या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती सांसों की डोरी।


(भाव)- क्षितिज, धरती और आकाश के मिलने का काल्पनिक स्थान होता है। पक्षी इस सीमाहीन क्षितिज से प्रतियोगिता करते हुए उड़ना चाहते हैं। ऐसा करते हुए या तो क्षितिज काल्पनिक न होकर वास्तविक हो जाता या उड़ते-उड़ते उनकी मृत्यु हो जाती।

कविता से आगे


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